AB KYA


किताब का विवरण – “अब क्या”

लेखक: Satveer Singh Baudhd

किताब किसके लिए और किन लोगों के लिए लिखी गई है

“अब क्या” खासकर उन लोगों के लिए लिखी गई है जिन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया तो है, लेकिन इसके वास्तविक ज्ञान और रीति-रिवाजों के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते।
आज हमारे समाज में कई लोग बौद्ध धर्म को ज्वाइन तो कर लेते हैं, लेकिन जन्मदिन, शादी, त्योहार, गृहस्थ जीवन और बच्चों की शिक्षा जैसी मूल बातें नहीं समझ पाते। इस वजह से उनका व्यक्तिगत जीवन और सामाजिक जीवन अक्सर अधूरा या भ्रमित रहता है।

इस किताब में बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांत, रीति-रिवाज, जीवन में उसका महत्व और समाज पर उसके सकारात्मक प्रभाव को सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में समझाया गया है।
यह किताब उन सभी लोगों के लिए है जो चाहते हैं कि उनका जीवन, उनका परिवार और समाज सदाचार, नैतिकता और अनुशासन के मार्ग पर चले।

यह किताब हमारे समाज, हमारे बच्चों और हमारे लिए कितनी फायदेमंद है

बौद्ध धर्म केवल एक धार्मिक प्रणाली नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की कला और समाज सुधार की दिशा है। इस किताब के माध्यम से पाठक जान पाएंगे कि कैसे बौद्ध धर्म:

  1. हमारे समाज को भ्रष्टाचार और पाखंड से दूर रख सकता है।
  2. बच्चों में नैतिकता, संस्कार और सही मूल्य विकसित कर सकता है।
  3. परिवार और समाज में सामंजस्य और समानता ला सकता है।
  4. हमारी दिनचर्या और जीवनशैली को सकारात्मक और उत्पादक बना सकता है।

इस किताब में बताए गए नियम और रीति-रिवाजों को अपनाकर समाज में शांति, सामंजस्य और अनुशासन स्थापित किया जा सकता है। यह किताब बच्चों और युवाओं के लिए भी एक मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी, जिससे वे अपने जीवन में सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे।

यह किताब हमारे बच्चों और समाज को पाखंड से मुक्ति कैसे दिलाएगी

आज के समय में समाज में पाखंड और अंधविश्वास की मात्रा बढ़ती जा रही है।

  • लोग धार्मिक अनुष्ठान सिर्फ परंपरा के लिए करते हैं, बिना उसके वास्तविक अर्थ को समझे।
  • बच्चों और युवाओं में सच्चाई और नैतिकता का भाव धीरे-धीरे कमजोर होता जा रहा है।

इस किताब के माध्यम से, पाठक जानेंगे कि बौद्ध धर्म में सच्चाई, करुणा और ज्ञान पर जोर दिया गया है।

  • बच्चों को धार्मिक पाखंडों से मुक्त करना।
  • समाज में वास्तविक शिक्षा और नैतिकता फैलाना।
  • शादी, जन्म, शिक्षा और मृत्यु जैसी प्रक्रियाओं में सही बौद्ध रीति-रिवाज अपनाना।

इस तरह यह किताब हमारे बच्चों और समाज को पाखंड, अंधविश्वास और अनुचित परंपराओं से मुक्त करने में मदद करती है।

इस किताब को आपके लिए खरीदना क्यों जरूरी है

  1. अगर आप बौद्ध धर्म से जुड़े हैं और इसके वास्तविक ज्ञान को समझना चाहते हैं।
  2. अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे नैतिक और संस्कारी बने।
  3. अगर आप अपने परिवार और समाज को सकारात्मक और अनुशासित जीवन देना चाहते हैं।
  4. अगर आप सत्य, करुणा और ज्ञान के आधार पर जीवन जीना चाहते हैं।

यह किताब सिर्फ ज्ञान देने के लिए नहीं, बल्कि व्यवहार में लाने और जीवन बदलने के लिए लिखी गई है। इसे पढ़कर आप अपने जीवन में और समाज में वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं।

इस किताब को पढ़कर आपको क्या-क्या मिलेगा

  1. बौद्ध धर्म की मूल भावना: गौतम बुद्ध ने हमें किस तरह दुखों और परेशानियों से मुक्त होने का मार्ग दिखाया।
  2. सामाजिक समानता का ज्ञान: समाज में न्याय, समानता और भाईचारे की भावना कैसे कायम करें।
  3. जन्म और शिक्षा के संस्कार: बच्चों के जन्म और शिक्षा से जुड़े बौद्ध रीति-रिवाज।
  4. शादी और गृहस्थ जीवन: शादी के रीति-रिवाज, परिवार में जिम्मेदारियों और सामंजस्य का महत्व।
  5. बौद्ध त्योहार और उत्सव: बौद्ध धर्म के प्रमुख त्योहार, उनके अर्थ और आयोजन का तरीका।
  6. मृत्यु संस्कार: मृत्यु के समय क्या करना चाहिए और कैसे बौद्ध धर्म में अंतिम संस्कार किए जाते हैं।
  7. पाखंड से मुक्ति: हिंदू और अन्य पाखंडों से समाज और बच्चों को कैसे मुक्त करें।
  8. स्त्रियों और बच्चों की शिक्षा: स्त्रियों और बच्चों को सही शिक्षा और संस्कार कैसे दें।

इस किताब में हर अध्याय व्यावहारिक उदाहरण, सरल भाषा और कदम-दर-कदम मार्गदर्शन के साथ लिखा गया है।

किताब की खासियत

  • सरल और स्पष्ट भाषा में लिखा गया।
  • बौद्ध धर्म के सभी अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों का विस्तृत विवरण।
  • बच्चों और समाज के लिए प्रेरक और मार्गदर्शक
  • पाखंड और अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने वाली।
  • जीवन में नैतिकता और अनुशासन लाने वाली।
  • व्यावहारिक और रोजमर्रा की जिंदगी में आसानी से लागू करने योग्य।

किताब की उपयोगिता

  • बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शक।
  • माता-पिता के लिए बच्चों की सही शिक्षा और संस्कार सुनिश्चित करने का साधन।
  • शिक्षकों और समाज सुधारकों के लिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा।
  • युवाओं के लिए नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी समझने का एक स्रोत।
  • सामाजिक सुधार और पाखंड से मुक्ति की दिशा में एक प्रभावी साधन।

अध्यायवार विवरण:

  1. प्रस्तावना – बौद्ध धर्म की मूल भावना: दुख का कारण, करुणा और ज्ञान का महत्व।
  2. बौद्ध धर्म और सामाजिक समानता: समाज में न्याय और समानता।
  3. जन्म संस्कार (Birthday Ceremony): बच्चे के जन्म पर बौद्ध रीति।
  4. बाल्यकाल और शिक्षा संस्कार: बच्चों की नैतिक और बौद्ध शिक्षा।
  5. विवाह संस्कार: शादी में बौद्ध रीति और सामंजस्य।
  6. गृहस्थ जीवन और पारिवारिक जिम्मेदारियां: परिवार में अनुशासन और जिम्मेदारी।
  7. बौद्ध त्योहार और उत्सव: उत्सवों का महत्व और सही आयोजन।
  8. मृत्यु संस्कार (Funeral Rituals): अंतिम संस्कार और उसके महत्व।
  9. हिंदू पाखंड से मुक्ति: समाज और बच्चों को पाखंड से बचाना।
  10. स्त्रियों और बालिकाओं की शिक्षा: महिलाओं और बच्चों को संस्कारित करना।

इस किताब को पढ़कर पाठक न केवल बौद्ध धर्म की गहन समझ पाएंगे, बल्कि अपने जीवन, परिवार और समाज में स्थायी बदलाव भी ला सकते हैं। यह किताब हर परिवार के लिए, हर माता-पिता के लिए और हर युवा के लिए एक अनिवार्य साधन है।

अब क्या – आपके जीवन, आपके परिवार और समाज के लिए एक नई राह।

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